GAUMUKHA ASAN सही विधि से करने का ढगं

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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});  रामलाल तुम्हें आज सिखाते हैं गौमुखासन गोमुखासन में सबसे पहले इसकी विधि को जानेंगे और उसके बाद हम जानेंगे इसके हमारे शरीर पर क्या फायदे होते हैं और उसके पश्चात हम सावधानियां भी जानेंगे जिससे कि हमें गोमुखासन करते हुए क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए तो सबसे पहले नंबर एक पर हम जानते हैं गोमुखासन कैसे करते हैं

गोमुखासन हमारे शरीर की आकृति इस आसन में गौ के मुंह के समान हो जाती है इसलिए इस आसन को काऊ फेस पोस  भी कहा जाता है. सर्वप्रथम इस आसन को करते हुए फर्श पर बैठ जाते हैं एक दरी या  चटाई बिछा लेते हैं सुखासन में या दंडासन में बैठ जाते हैं    ओर  अपने पैरों को खोल लेते हैं सीधे पूरी तरह से. फिर बाएं पैर को मोड कर  पीछे हिप्स की तरफ ले जाते हैं और उसके ऊपर बैठ जाते हैं दाए पैर को  ऊपर से घुमाकर रख लेते हैं  इस प्रकार ध्यान रखतें है की एक घुटना दुसरे के ऊपर रहे  फिर  हमने जो पैर  ऊपर रखा हुआ है उधर का हाथ  ऊपर उठाते हैं दूसरा हाथ नीचे से घुमाते हैं और कमर के पीछे एक हाथ को दूसरे हाथ से पकड़ने का प्रयत्न  करते हैं यदि पूरी तरह से ना पकड़ा जाए तो परेशान नहीं होते हैं धीरे-धीरे प्रयत्न  करते रहेंगे तो पकड़ में आने लगता है फिर २ सेकंड से लेकर लघभग १० सेकंड तक इसी अवस्था में बने रहते है.धीरे धीरे स्वांस छोड़ते हुए वापिस दण्डासन में सीधे बैठ जाते है.३ से ५ बार तक ये आसन  करना चाहिए .
                                                                ध्यान देने योग्य                                                                      हमारे फेफड़ों में 15000000 छेद होते हैं मॉडर्न मेडिकल साइंस के अनुसार इन 12 क्षेत्रों को साफ करने का कोई तरीका नहीं होता है लेकिन योग विज्ञान के पास फेफड़ों  की सफाई करने के लिए और उनकी क्षमता  को बढ़ाने का बड़ा ही आसान तरीका है जिसका नाम होता है गोमुखासन इस आसन को करने की अवधि 3 मिनट होती है आपको शायद ही आप को पता हो  कि हम अपने फेफड़ों का सिर्फ 50 फीसद ही इस्तेमाल कर पाते हैं बाकी हिस्सा तो हमारे फेफडो का लगभग बेकार ही चला जाता है और गोमुखासन से हम सुस्त पड़े हुए हिस्से को भी काम में लाने लगते हैं गोमुखासन में कोई व्यक्ति चाहे मोटा हो चाहे पतला हो चाहे किसी भी प्रकार की उसकी शारीरिक संरचना हो कुछ ही दिन के प्रयास से वह इस आसन को अच्छे ढंग से कर पाता है 

गोमुखासन के लाभ  -↳ गोमुखासन एक  अत्यंत लाभकारी आसन है इसके द्वारा हमारी सभी मांसपेशियों का 

 व्यायाम हो जाता है हमारा डाइजेशन सिस्टम अपडेट हो जाता है हमारा लग्स में फ़ुल आक्सीजन जाने लगती है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा हो जाता है किसी भी प्रकार से यूरिन से संबंधित प्रॉब्लम दूर हो जाती हैं और यदि स्वांसों का ध्यान रखते हुए इस आसन को किया जाए तो यह आसन अत्यंत लाभ देता है यह आसन करने से शरीर सुडौल लचीला और आकर्षक बनता है वजन कम से कम करने में यह सहायता प्रदान करता है गौमुखासन मूत्र संबंधी रोगों में अत्यंत लाभकारी है महिलाओं में भी यह अत्यंत लाभदायक आसन है इसके द्वारा गठिया साइटिका अपचन का दर्द बवासीर आदि लोगों में लाभ होता है.  


जिन लोगों अस्थमा  की परेशानी होती है उनको इसका नियमित  अभ्यास करने की सलाह दी जाती है 


इससे कंधों का कडापन दूर होता है घुटने और पैर मजबूत होते हैं खून साफ होता है .
                                                    विशेस ↪ मधुमेह के लिए आसन रामबाण होता है 
सावधानियां
१  कभी भी इस आसन को करते हुए जबरदस्ती या अपने शरीर को पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए क्योंकि अपनी क्षमता के अनुसार करना ही सही लाभ हमें इस आसन के द्वारा प्राप्त होता है अन्यथा नुकसान भी हो सकता है 
२  यदि आपकी गर्दन में दर्द है तो इस आसन को नहीं करना चाहिए .
३ यदि आपने कोई पेट का ऑपरेशन कराया हुआ है तो लगभग 3 महीने पश्चात इस आसन को करना चाहिए   ४  इस आसन को करते हुए कंधे पीठ  या घुटनों में ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए यदि कोई तकलीफ बढ़ जाती है तो तुरंत योग्य योग चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए 
५ यदि किसी व्यक्ति को हुआ हो तो जब तक उसका शरीर नॉर्मल ना हो जाए तब तक उसे इस आसन  को प्रारंभ नहीं करना चाहिए
६  शुरुआत में पीठ के पीछे दोनों हाथों को आपस में पकड़  ने में जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए .  
                                                                                                     
 आप से अनुरोध है कि यदि आप ने यह आसन किया तो इस से होने वाले लाभ के प्रति अपने सुझाव प्रतिक्रिया या और कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें और इस लेख को शेयर भी करें Google प्लस Facebook Twitter या WhatsApp          
                                                   dhanyawad 
                                                          मनोज मेहरा 
                              

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